मिली जानकारी के अनुसार, अहमदाबाद देश का ऐसा पहला Railway station बन गया है, जहां पर सभी Plateform पर bottle crushing machine लगाई हैं। बता दें कि इस रेलवे स्टेशन के प्रत्येक प्लेटफार्म पर बोटल क्रशिंग मशीन लगाई गई है। इन छह प्लेटफार्म में से पांच प्लेटफार्म कार्यरत हैं जबकि शेष एक पर कार्य नहीं होता है।
प्लास्टिक की बोतलों के दाने से बनेगी चादर व तकिया कवर-
अहमदाबाद मंडल के वरिष्ठ मंडल अभियंता (पर्यावरण एवं स्वास्थ्य) फेड्रिक पारिएथ ने हाल ही में दावा किया है कि प्लास्टिक बोतलों (Plastic bottle) की क्रशिंग से जो दाने बनेंगे उससे पोली वस्त्र बनेगा। इसमें 66.6 फीसदी प्लास्टिक एवं 33.4 फीसदी कॉटन (Cotton) का इस्तेमाल होता है। इस पोलीवस्त्र का इस्तेमाल चादर (bedshit) , तकिया कवर (pillow cover) और सीट कवर बनाने में हो सकेगा।
उन्होंने आगे बताया पानी की बोतलों को इस्तेमाल कर यात्री खाली बोतल फेंक देते हैं, जो प्लेटफार्म (plateform) , पटरियों या रेल परिसर में पड़ी रहती थी। अब इन बोतलों को रेल परिसर में लगी मशीनों के जरिए क्रश कर दिया जाएगा, जो पर्यावरण की स्वच्छता के लिहाज से बेहतर रहेगा।