



अब तक की पड़ताल में यह सामने आ चुका है कि मस्जिद में बारूद रखने का सिलसिला पांच महीने पहले शुरू हो गया था। हाजी कुतुबुद्दीन ने भी बारूद रखवाते समय कहा था कि इसका इस्तेमाल कुछ महीने बाद किसी बड़े काम के लिए किया जाएगा। ऐसे में खुफिया एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि इस विस्फोटक का किस साजिश में प्रयोग किया जाना था और ऐसी कौन सी साजिश रची जा रही थी जिसकी पांच माह पहले से तैयारी शुरू कर दी गई।