बाल ठाकरे ने दी थी सचिन को नसीहत, कहा था- राजनीति की पिच पर बल्लेबाजी मत करो
आज ही के दिन शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने दुनिया को अलविदा कहा था। मुंबई को अपना गढ़ बनाकर काम करने वाले बाल ठाकरे ने न तो कभी कोई चुनाव लड़ा न ही कोई राजनीतिक पद स्वीकार किया, लेकिन फिर भी वह राजनीति में अहम भूमिका निभाते रहे। एक बार बाल ठाकरे ने टीम इंडिया के दिगग्ज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर पर जमकर निशाना साधा था और सचिन को राजनीति नहीं करने की नसीहत दे दी थी।
दरअसल एक प्रेस कांफ्रेंस में सचिन ने कहा था कि वह पहले भारतीय हैं फिर महाराष्ट्रियन। सचिन से सवाल पूछा गया था कि क्या मुंबई सिर्फ मराठियों की है? इसपर तेंदुलकर ने कहा था कि मुंबई भारतियों की है। सचिन की यह बात बाला ठाकरे को नागवार गुजरी। सचिन खुद को मराठी से पहले एक भारतीय बताया था। मास्टर ब्लास्टर की कड़ी आलोचना करते हुए बाल ठाकरे ने कहा था कि है कि वो (सचिन) राजनीति के मामले में बयानबाजी न करें।
बाल ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में सचिन के नाम खुला खत लिखकर कहा था सचिन क्रिकेट ही खेंले और राजनीति की पिच पर बल्लेबाजी की कोशिश ना करें। ठाकरे ने अपने खुला खत में लिखा था कि क्रिकेट की पिच पर तूने जो कमाया उसे राजनीति की पिच पर मत गंवा। ऐसा प्रेमपूर्ण संकेत तुझे तेरे भले के लिए फिलहाल दे रहा हूं।
सचिन को नसीहत देते हुए कहा था कि तुम्हारे चौके छक्के पर लोग तालिया बजाते हैं, लेकिन मराठी जनमानस के न्याय अधिकार के मुद्दे पर अपनी जीभ को बैट बनाकर मराठियों को ठेस पहुंचाओगे तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ठाकरे ने क्रिकेटरों की भी आलोचना करते हुए लिखा था कि खिलाड़ियों को देश के लिए खेलना चाहिए लेकिन आजकल तो क्रिकेटर सिर्फ अपने लिए खेलता है, उसका क्या?
सामना में छापे गए इस पत्र का लहज़ा अत्यंत कठोर प्रतीत होता है। एक स्थान पर ठाकरे यहां तक लिखते हैं, ‘मराठी अभिमान की बात कहते-कहते तुम मुंबई पर चिकी सिंगल क्यों ले बैठे। मराठी मानुस ने महाराष्ट्र को जब हासिल किया तब तुम्हारा जन्म भी नहीं हुआ होगा। 17 नवंबर 2012 को 86 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।