जैसा कि हम सब जानते हैं कि करतारपुर साहिब, सिखों के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में शुमार है। यह सिखों के प्रथम गुरु, गुरु नानक देवजी का निवास स्थान था और यहीं पर वे ज्योति में समा गए थे। बाद में उनकी याद में यहां पर गुरुद्वारा बनाया गया। कॉरिडोर खोले जाने से पहले गुरुद्वारे के दर्शन भारत के लोग दूरबीन से करते थे।
सिख समुदाय के लोग भारत के अलग-अलग प्रांत से भारत-पाक बॉर्डर के पास आते थे और दूरबीन की साहयता से गुरुद्वारे के दर्शन कर खुद को धन्य मानते थे। श्रद्धालुओं की भावनाओं के देखते हुए भारतीय फौज ने यहां दर्शन स्थल बना दिया है, जिससे वह आसानी से दर्शन कर सकें।