पाक सीमा पर बड़े युद्धाभ्यास की तैयारी में भारत, टैंक-तोप समेत 40 हजार सैनिक लेंगे हिस्सा
पाकिस्तान द्वारा बढ़ते खतरे को भांपते हुए भारतीय सेना अपनी पश्चिमी सीमा के समीप जल्द ही बड़ा युद्धाभ्यास करने जा रही है। इस युद्धाभ्यास में भारतीय सेना के 40 हजार जवानों के साथ बड़ी संख्या में टैंक, तोप और लड़ाकू हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे।
इस युद्धाभ्यास को सिंधु सुदर्शन-VII नाम दिया गया है। जिसमें सेना के 21वीं कोर की युद्धक तैयारियों को परखा जाएगा। इसके अलावा यह भी देखा जाएगा कि दुश्मन के इलाके में हमला करने को लेकर हमारी कितनी तैयारियां है।
यह युद्धाभ्यास राजस्थान के बाड़मेड़ और जैसलमेर में 13 से 18 नवंबर के बीच होगा। सेना इस दौरान अपने सैन्य युद्धाभ्यास का परीक्षण करेगी।
एक अधिकारी ने बताया कि इसमें टैंक, पैदल सेना के वाहनों और तोपखाने की तोपों की शक्ति को परखा जाएगा। ताकि, यह देखा जा सके कि युद्ध की स्थिति में उन्हें प्रभावी कैसे बनाया जा सकता है।
इस युद्धाभ्यास का पहला चरण अक्तूबर में पोखरण में आयोजित किया गया था, जहां भारतीय सेना के टैंक और तोपों ने अपनी फायरपावर का जबरदस्त प्रदर्शन किया था।
इस अभ्यास में टी-72 टैंक, बीएमपी वाहन (हमलावर वाहन), एम 777 आर्टिलरी गन, आर्मी एयर डिफेंस, अपाचे, चिनूक लड़ाकू हेलीकॉप्टरों के साथ एचएएल का एएलएच रुद्र हेलीकॉप्टर भी हिस्सा लेगा।
पहली बार किसी युद्धाभ्यास में भारतीय सेना के-9 वज्र सेल्फ प्रोपेल्ड ऑर्टिलरी शामिल करेगी। इसे नवंबर 2018 में सेना में शामिल किया गया था।
सेना के-9 वज्र सेल्फ प्रोपेल्ड ऑर्टिलरी की 100 यूनिटों को खरीद कर रही है। के-9 वज्र दक्षिण कोरियाई सेना द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे के-9 थंडर का एक प्रकार हैं।
इस अभ्यास में वायु सेना भी सक्रिय रूप से हिस्सा लेगी। वह थलसेना को हवाई सहायता उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा वायुसेना लड़ाकू विमानों के जरिए हवाई गश्त भी करेगी।
वहीं दूसरी तरफ भारत और अमेरिका की सेना 13 से 21 नवंबर के बीच विशाखापट्टनम में ‘टाइगर ट्रंफ’ नामक युद्धाभ्यास में हिस्सा लेंगी। इसमें भारत की तरफ से थल, जल और वायुसेना के 1200 जवान और 500 अमेरिकी जवान शामिल होंगे।
इसमें लड़ाई की कुशलता को बढ़ाने के साथ ही आपदा के दौरान मदद पहुंचाने पर भी अभ्यास होगा। इसका उद्देश्य दोनों ही देशों की सेना के बीच बेहतरीन तालमेल बनाने पर रहेगा।