आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हवाई जहाज और बुलेट ट्रेन के इस दौर में परिवहन की एक और नई तकनीक ने भी दस्तक दे दी है। जिसका नाम है ‘ हाइपरलूप परिवहन तकनीक ‘।
दरअसल,परिवहन के क्षेत्र में क्रांति लाने वाली इस हाइपरलूप तकनीक का कॉन्सेप्ट ‘ टेस्ला मोटर्स ‘ कंपनी के सीईओ ‘ एलोन मस्क ‘ ने सबसे पहले सन 2012 में दिया था। और तब से ही उनकी कंपनी इस प्रोजेक्ट पर लगातार काम कर रही है। और क्योंकि यह एक ओपन प्रोजेक्ट है इसलिए दूसरी कंपनियां भी साथ में मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम कर सकती हैं।
1. यह तकनीक कैसे काम करेगी :-
इस तकनीक के द्वारा सबसे पहले दो शहरों को एक ट्यूब के जरिए जोड़ा जाएगा। स्टील ट्यूब को जमीन के ऊपर खंभों पर या फिर सुरंग बनाकर दोनों शहरों के बीच बिछा दिया जाएगा। इन ट्यूब पाइपों के अंदर वैक्यूम जैसा माहौल तैयार किया जाएगा। और फिर विशेष प्रकार से डिजाइन किए गए कैप्सूल या पॉड्स का प्रयोग किया जाएगा जो ट्यूब पाइप के भीतर उच्च वेग से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाएंगे।
2. भारत में इसे लेकर क्या चल रहा है :-
भारत में महाराष्ट्र सरकार ने हाइपर लूप परियोजना को ‘ मुंबई – पुणे हाइपरलूप परियोजना ‘ के रूप में मंजूरी दे दी है। इस ट्रेन की रफ्तार 1200 KM/H से अधिक होगी । जो हवाई जहाज की रफ्तार से भी अधिक है। मुंबई से पुणे की दूरी को तय करने में आज करीब 4 घंटे का समय लगता है। वही हाइपरलूप ट्रेन से यह दूरी मात्र 15 से 20 मिनट में पूरी हो जाएगी ।