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महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने भाजपा को निमंत्रण दिया, किन्तु वह पीछे हट गयी जिसे भाजपा की बड़ी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है. बताया जा रहा है कि न्योता मिलने के पहले भाजपा की दो दौर की लंबी बैठक चली जिसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की भी सलाह ली गई. वर्षा बंगले में दोबारा हुई कोर कमिटी की बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शाह को जोड़ा गया जिसके बाद फैसला लिया गया कि भाजपा महाराष्ट्र में सरकार का गठन करने का काम नहीं करेंगी.
जानकारों को कहना है कि भाजपा किसी प्रदेश में सरकार बनाने का मौका जल्दी नहीं गंवाती, किन्तु महाराष्ट्र में वह पीछे हट गयी जिसके पीछे कोई बड़ी रणनीति है जो जल्द सामने आ सकती है. विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना ने मिलकर चुनावी मैदान में अपने प्रत्याशी उतारे और जनता ने सरकार बनाने के लिए इन्हें बहुमत भी दिया. किन्तु चुनाव परिणाम आने के बाद शिवसेना मुख्यमंत्री पद की जिद पर अड़ गई.
शिवसेना ने ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पद की बात भाजपा के समक्ष रखी, जिस पर सहमति नहीं बन पाई. निमंत्रण मिलने के बाद भी भाजपा ने सरकार गठन का प्रस्ताव ठुकरा दिया जिसके बाद गवर्नर ने शिवसेना को सरकार बनाने के लिए बुलाया. शिवसेना ने सोमवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में भाजपा के बगैर उसकी सरकार का समर्थन करने के लिए NCP और कांग्रेस ‘सैद्धांतिक समर्थन’ देने पर सहमत हो चुकी हैं, किन्तु वह गवर्नर द्वारा तय समयसीमा के पहले इन दलों से समर्थन पत्र नहीं ले सकी.