जब ढांचा बना था, तो किसके द्वारा और जमीन पर कब्जा किसका था?
इससे बाहरी अहाते में हिंदू पक्ष का दावा साबित होता है। वहीं भीतरी अहाते में भी संभव है कि अंग्रेजो द्वारा अवध के विलय के पहले तक हिंदू पूजा करते रहे हों। दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष ऐसा कोई साक्ष्य नहीं प्रस्तुत कर पाया कि मस्जिद बनने के बाद 1857 तक वहां केवल उन्हीं का कब्जा था।
ग्रिल लगाने के बाद मस्जिद का ढांचा मौजूद था, उसी परिसीमा में मुस्लिम नमाज पढ़ते थे। दिसंबर 1949 में वक्फ इंस्पेक्टर की रिपोर्ट बताती है कि मस्जिद में नमाज पढ़ने के दौरान व्यवधान पैदा किया गया। हालांकि नमाज फिर भी पढ़ी जाती रही। 16 दिसंबर 1949 को यहां आखिरी जुमे की नमाज पढ़ी गई। 22 दिसंबर 1949 को मूर्तियां रखी गईं और मुस्लिमों से कब्जा छिन गया। वहीं मामला लंबित रहने के ढांचा ढहा दिया गया।