
कौन-कौन है संविधान पीठ में
जस्टिस रंजन गोगोई की इस बेंच में उनके अलावा जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल हैं. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. यदि 17 नवंबर के पहले पुनर्विचार याचिका आती है तो इसे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ही सुनेगी. लेकिन यदि यह पिटीशन इसके बाद आई तो अगले चीफ जस्टिस तय करेंगे कि रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई के लिए मौजूदा पीठ में जस्टिस गोगोई की जगह पांचवा जज कौन होगा. सुप्रीम कोर्ट यह भी तय करेगा कि रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई की जाए या नहीं की जाए.

क्या है पूरा मामला
सवा सौ साल पहले बाबरी मस्जिद के दरवाज़े के पास बैरागियों ने राम चबूतरा बनाया था. साल1885 में महंत रघुबर दास की चबूतरे पर मंदिर बनाने की मांग, अदालत से ख़ारिज. साल 1949 में प्रदेश सरकार ने राम चबूतरे पर मंदिर बनाने की कोशिश की, कोशिश नाकाम. साल1949 में ही 22-23 दिसंबर को ये संपत्ति कुर्क, वहां रिसीवर बिठा दिया गया. इसके बाद साल 1950 में 16 जनवरी को गोपाल दास विशारद कोर्ट गए, सिर्फ़ पुजारी को पूजा की इजाज़त. साल 1959 में निर्मोही अखाड़े ने अदालत में अपना दावा पेश किया. साल1961 में सुन्नी सेन्ट्रल वक़्फ़ बोर्ड अदालत पहुंचा, मस्जिद का दावा पेश किया. साल 1986 में 1 फ़रवरी को फ़ैज़ाबाद ज़िला जज ने ताला खुलवाया, सबको पूजा की इजाज़त दी. साल 1986 में कोर्ट के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी बनाने का फ़ैसला. 1989 में वीएचपी के देवकीनंजन अग्रवाल ने रामलला की तरफ़ से मंदिर का केस किया. साल 1989 के नवंबर में मस्जिद से थोड़ी दूर पर राम मंदिर का शिलान्यास. साल 1990 में 25 सितंबर से सोमनाथ से अयोध्या तक की रथ यात्रा, 23 अक्टूबर को लालकृष्ण आडवाणी गिरफ़्तार. इसके नतीजे में गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और आंध्रप्रदेश में दंगे भड़के.

अयोध्या में सुरक्षा और कड़ी की गई है. राम जन्मभूमि मंदिर की तरफ जाने वाले सारे रास्ते बंद कर दिए गए हैं. अब वहां से सिर्फ़ पैदल गुज़रा जा सकेगा. सीएम योगी आदित्यनाथ ने हर जिले में एक कंट्रोल रूम बनाने और लखनऊ और अयोध्या में दो हेलीकॉप्टर तैयार रखने के आदेश दिए हैं. पूरे यूपी में पुलिस दंगों से निपटने के लिए रिहर्सल कर रही है. टेंपरेरी जेलें बना दी गई हैं. वहां जरूरत पड़ने पर गिरफ्तार लोगों को रखा जा सकेगा.अयोध्या में नाकेबंदी और सख़्त हो गई है. राम जन्मभूमि मंदिर जाने वाले सारे रास्ते आज गाड़ियों के लिए सील कर दिए गए. झगड़े वाली जगह के चारों तरफ 67 एकड़ जमीन पहले से केन्द्र सरकार के कब्ज़े और सेंट्रल फोर्सस की निगरानी में हैं. अब उसकी तरफ जाने वाले रास्तों को गाड़ियों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया है. इसके साथ पूरे अयोध्या में पुलिस जनता के बीच जाकर उन्हें समझाने और हिफ़ाज़त का भरोसा दिलाने की कोशिश कर रही है.

इस मामले में फैसला सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने सुनाया है. इस पीठ में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के साथ (CJI Ranjan Gogoi),जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ , जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार CJI रंजन गोगोई की सुरक्षा को Z श्रेणी का कर दिया गया है.

इस फैसले से पहले पीएम मोदी ने देशवासियों से फैसले के बाद देश में शांति बनाए रखने की अपील की थी. उन्होंने शुक्रवार की शाम एक के बाद एक किए कई ट्वीट में लिखा कि देश की न्यायपालिका के मान-सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए समाज के सभी पक्षों ने, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने, सभी पक्षकारों ने बीते दिनों सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए जो प्रयास किए, वे स्वागत योग्य हैं. कोर्ट के निर्णय के बाद भी हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि अयोध्या पर कल सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ रहा है. पिछले कुछ महीनों से सुप्रीम कोर्ट में निरंतर इस विषय पर सुनवाई हो रही थी, पूरा देश उत्सुकता से देख रहा था. इस दौरान समाज के सभी वर्गों की तरफ से सद्भावना का वातावरण बनाए रखने के लिए किए गए प्रयास बहुत सराहनीय हैं.