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कोलकाता: 2019 लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद भी पश्चिम बंगाल की ममता सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच जोरदार आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी हैं। भाजपा की तरफ से दावा किया गया है कि पश्चिम बंगाल में सियासी हिंसा के चलते अब तक उसके 54 कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है। हालाँकि, ममता ने इस दावे को झूठा बताया है।
इस जुबानी जंग के बीच बर्धमान जिले में भाजपा के एक और कार्यकर्ता की लाश मिली है। इस बार भी भाजपा ने कार्यकर्ता की हत्या के पीछे टीएमसी को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, बुधवार को पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अपने पहले वाले बयान से पलटते हुए कहा कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया है।
ममता ने बयान जारी करते हुए कहा था कि शपथ ग्रहण लोकतंत्र की अहम् परंपरा है, किन्तु इसे सियासी लाभ के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में भाजपा के चुनावी हिंसा में 54 कार्यकर्ताओं के हत्याओं के दावे के विरोध में यह निर्णय सुनाया है। ममता ने कहा है कि ये मौतें ‘राजनीति से संबंधित नहीं हैं।’ ऐसा पहली बार नहीं है कि ममता अपने बयान से पलटी हैं। वे ऐसा कई बार कर चुकी हैं।