बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में जहरीली शराब कांड में बुधवार सुबह मामले के मुख्य आरोपी पप्पू जायसवाल को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। मुठभेड़ में आरोपी के पैर में गोली लगी है। जहरीली शराब से अब तक 23 की मौत हो चुकी है व 52 लोग अस्पताल में भर्ती हैं, मरने वालों में एक ही परिवार के चार लोग शामिल हैं।
प्रशासन 12 लोगों के मरने की ही आधिकारिक पुष्टि कर रहा है। पूरे मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए गए हैं। आरोपितों पर रासुका लगाने की तैयारी की जा रही है। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।
एडीजी लखनऊ जोन राजीव कृष्ण ने बताया कि जहरीली शराब पीने से अब तक 12 लोगों की मौत हुई है, जबकि 32 पीड़ितों को लखनऊ तथा 10 को बाराबंकी के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। लखनऊ में भर्ती चार मरीजों की हालत नाजुक है। उन्होंने बताया कि फरार आरोपित जल्द गिरफ्तार किए जाएंगे।
Praveen Kumar Tripathi, IG Law & Order (right) on Barabanki spurious liquor deaths case: District Excise Officer, Superintendent of Excise, 3 head constables and 5 constables of excise have been suspended. Inspector, Sub-Inspector and 2 constables of police also suspended. pic.twitter.com/hUa96Oer33
— ANI UP (@ANINewsUP) May 28, 2019
यह शराब अलग-अलग गांव के ग्रामीणों ने रामनगर क्षेत्र के एक सरकारी देशी शराब की दुकान से खरीद कर पी थी। ऐसे में पीने वाले व मरने वालों के बारे में सही आकलन करना मुश्किल हो रहा है। वहीं, पूरे मामले में जिला आबकारी अधिकारी, रामनगर के सीओ, एसएचओ व आबकारी निरीक्षक सहित 15 को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही दोषियों की गिरफ्तारी के लिए प्रशासन ने तीन टीमें गठित की हैं।
मामले में पुलिस ने शराब की दुकान के अनुज्ञापी (लाइसेंस धारक) दानवीर सिंह निवासी बहराइच समेत तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सेल्समैन सुनील कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपित दानवीर सिंह और पप्पू जायसवाल पर 20-20 हजार की इनाम घोषित किया गया है। सोमवार को रानीगंज ठेके से शराब खरीदकर पीने वालों की तबीयत रात से ही खराब होने लगी थी। हालात बिगड़ने पर सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) सूरतगंज, फतेहपुर व रामनगर ले जाया गया। जहां से जिला अस्पताल और फिर लखनऊ रेफर किया गया, लेकिन सीएचसी से लखनऊ तक मौतों का सिलसिला जारी रहा।
अफसरों की संलिप्तता की भी जांच
जांच समिति इस घटना में आबकारी विभाग, पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की संलिप्तता की जांच भी करेगी। इसके अलावा जहरीली शराब की आपूर्ति का स्रोत क्या है? इसके लिए कौन जवाबदेह है? इससे पहले दिए गए आदेशों के अनुपालन में क्या शिथिलता बरती गई? इसका भी उल्लेख होगा। साथ ही समिति ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए सुझाव भी देगी।
घटना की जांच के लिए कमिश्नर, आईजी अयोध्या और आयुक्त आबकारी की जांच समिति बनाई गई है, 48 घंटे में रिपोर्ट देगी। कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि 16 को KGMU रेफर किया गया है। बाद मेें पीडि़तोंं का आंकड़ा बढ़ गया। लोहिया और बलरामपुर अस्पताल में भी पीड़ित लोगों के इलाज की व्यवस्था की गई है।
वहीं, जिले में एक दर्जन लोगों का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। देशी शराब रामनगर क्षेत्र के ग्राम रानीगंज बाजार स्थित ठेके से खरीदी गई थी। ऐसे में पीने वाले व मरने वालों के बारे में सही आंकलन करना मुश्किल हो रहा है।
प्रकरण में सीओ पवन गौतम और इंसपेक्टर रामनगर राजेश कुमार को निलंबित किया है। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में संवेदना व्यक्त करते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उधर, एडीजी राजीव कृष्णा के मुताबिक, आरोपित की शराब की दुकान सील कर दी गई है। इसके साथ ही आरोपित सेल्समैन सुनील कुमार को गिरफ्तार किया गया। जिन घरों में शराब की बोतल मिली है, वहां पर फोरेंसिक टीम छानबीन कर रही है।
एक ही परिवार के चार की मौत
मरने वालों में एक ही परिवार के चार लोग शामिल हैं। जिसमें तीन भाई रामेश कुमार(35)पुत्र छोटेलाल, सोनू (25)पुत्र छोटेलाल, मुकेश (28) पुत्र छोटे लाल के साथ उनके पिता छोटेलाल (60) पुत्र घूरू की मौत हो गई। रमेश की पत्नी रामावती ने बताया कि घर में लाशें उठाने वाला भी कोई नहीं बचा।
-एजेंसी
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