स्लीप हेल्थ नाम के जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में बताया गया है कि अगर आप वर्किंग डे के दौरान अपनी नींद के घंटों में थोड़ी सी भी कमी लाते हैं तो इसका आपके जॉब परफॉर्मेंस पर नकारात्मक असर पड़ता है. यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ फ्लॉरिडा के अनुसंधानकर्ताओं ने 130 हेल्दी कर्मचारियों पर एक सर्वे किया जो आईटी सेक्टर में काम करते थे और जिनका कम से कम एक स्कूल जाने वाला बच्चा भी था.
इसके अलावा यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ फ्लॉरिडा की असिस्टेंट प्रफेसर सूमी ली कहती हैं, ‘इस तरह के चक्रीय या आवर्ती संबंध इस बात को दर्शाते हैं कि हर दिन के संज्ञानात्मक स्ट्रेस का कर्मचारियों की नींद पर बुरा असर पड़ता है और यह कर्मचारियों के तनावपूर्ण अनुभवों को और बढ़ाता है. इस स्टडी के नतीजे इस बात का सबूत हैं कि वर्कप्लेस और ऑफिसों को अपने कर्मचारियों की नींद को प्रोत्साहित करने की जरूरत है. क्योंकि वैसे लोग जिनकी नींद पूरी होती है वे अगले दिन ऑफिस में बेहतर परफॉर्म करते हैं क्योंकि वे काम में फोकस कर पाते हैं और काम में गलतियां भी कम होती हैं.’