तुलसी के आसपास कभी गन्दगी नहीं होगा चाहिए. इस पवित्र पौधे को किसी साफ-सुथरी जगह ही रखना चाहिए नहीं तो ये सूखने लगता है. अगर घर में तुलसीचौरा है तो प्रयास करना चाहिए कि कम से कम सप्ताह में एक बार गोबर से लीप दें.
तुलसी के पौधे में दूध में जल मिलाकर देने से तुलसी हमेशा हरी भरी रहती हैं. जिस गमले में तुलसी हों उसमें भूलकर भी कोई दूसरा पौधा नहीं लगाना चाहिए. इससे जड़ों को फैलने की जगह नहीं मिल पाती है और पौधा सूखने लगता है.
स्नान के बाद तुलसी को जल चढ़ाना चाहिए. कुछ लोग शाम को दिया-बाती के बाद तुलसी को जल अर्पित करते हैं जोकि ठीक नहीं है. इस बात का ख्याल रखें कि जब दीप बुझ जाए तो उसे तुलसी के पास से हटा दें.
महिलाओं को तुलसी की पूजा कभी भी बाल खोलकर नहीं करनी चाहिए. इसलिए खुले बालों में कभी भी तुलसी को जल नहीं अर्पित करना चाहिए. जब भी तुलसी को जल देना हो बालों को बांधकर और सुहाग के सभी चिन्ह पहनकर ही जल दें.
कई लोग तुलसी को मां मानकर या तुलसी विवाह के बाद तुलसी जी को चुनरी ओढ़ाते हैं. लेकिन इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि जब चुनरी पुरानी हो जाए या फल जाए तो उसकी जगह तुलसी जी को नई चुनरी ओढ़ा देनी चाहिए.